मोर्गन स्टैनली इंडिया के MD रिधम देसाई ने कहा- विदेशी निवेशक हैं मेहरबान, बैंकिंग सेक्टर में दिखेगी जबरदस्त तेजी
मोर्गन स्टैनली के इंडिया प्रमुख रिधम देसाई ने कहा कि विदेशी निवेशक भारत के ग्रोथ पर मेहरबान हैं. बैंकिंग सेक्टर आउट परफॉर्म करेगा. 2024 में अगर मिली-जुली सरकार बनती है तो थोड़ी परेशानी होगी.
सेंसेक्स 63 हजार के ऊपर और निफ्टी 18700 के पार कारोबार कर रहा है. बाजार ऑल टाइम हाई की तरफ बढ़ रहा है. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी से खास बातचीत में दुनिया के दिग्गज FII मोर्गन स्टैनली के इंडिया प्रमुख रिधम देसाई ने कहा कि बाजार में चारों तरफ से पॉजिटिव संकेत हैं. विदेशी निवेशकों का इंटरेस्ट काफी बढ़ा है, लेकिन विदेशी निवेशकों का बड़ा इन्फ्लो अभी बाकी है. इमर्जिंग मार्केट्स में भारत पसंदीद जगह है. भारत के प्रति निवेशकों के आकर्षण के कई बड़े कारण हैं. महंगाई लिमिटेड बढ़ने के कारण इंटरेस्ट रेट में लिमिटेड बढ़ोतरी हुई. इसके बावजूद पब्लिक और प्राइवेट निवेश जारी रहा. कंजप्शन भी मजबूत स्थिति में है. अन्य आर्थिक परिस्थितियां फेवरेबल हैं. यही वजह है कि विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार भा रहा है.
पॉलिसी के मामले में बड़े सुधार हुए हैं
रिधम देसाई ने कहा कि भारत जैसे बड़े बाजार में अच्छे ग्रोथ का होना विदेशी निवेशकों को लुभा रहा है. बीते 7-8 सालों में पॉलिसी के मामलों में कई बड़े और सकारात्मक सुधार हुए हैं. इससे आउटलुक काफी स्ट्रॉन्ग हो गया है. उन्होंने कहा कि अगले 3-4 सालों में कंपनियों का सालाना प्रॉफिट 20 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. बाजार बीते 18 महीनों में करेक्शन के बाद फिर से ऑल टाइम हाई के करीब है. इस दौरान दुनिया के अन्य बाजार अपने हाई से काफी पीछे चल रहे हैं. रिलेटिव आधार पर भारतीय बाजार का प्रदर्शन बेहतर है.
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मिलीजुली सरकार से होगी परेशानी
उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव अहम है. अगर पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनती है तो थोड़ा निगेटिव असर होगा. ग्लोबल इकोनॉमी की चुनौती बढ़ रही है. चीन का ग्रोथ घट रहा है. यूरोप और अमेरिका में कर्ज काफी ज्यादा है. ऐसे में भारत के निर्यात पर असर होगा. रिजल्ट बाजार और कंपनियों की कमाई पर होगा.
बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सेक्टर में आएगा बूम
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एक्सपर्ट ने कहा कि कॉर्पोरेट डेट टू जीडीपी घट गया है. आने वाले समय में कर्ज की मांग बढ़ेगी और बैंक एंड फाइनेंशियल सेक्टर का बिजनेस बढ़ेगा. कंजप्शन और इंडस्ट्रियल सेक्टर में शानदार तेजी देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि आईटी सर्विसेज में भी बॉटम आ गया है. इसके अलावा मेटल और फार्मा पर दबाव बने रहने का अनुमान है. ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती का असर यहां होगा. यूटिलिटी, स्टील, एल्युमिनियम, मेटल्स, जैसे सेक्टर अंडर परफॉर्म करेंगे. जिन कंपनियों का इंडियन एक्सपोजर अच्छा है, उनके ग्रोथ की संभावना ज्यादा है.
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